Tuesday, February 7, 2017

पाकिस्तान -अभी भी मोस्ट फेवर्ड नेशन क्यों?

क्या भारत पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दिया हुआ दर्जा वापस लेगा? मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने में किन किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है भारत को? क्या इससे भारत का कोई नुकसान भी हो सकता है?

भारत ने पाकिस्तान को 1996 में मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था।इसके तहत पाकिस्तान से भारत आने वाले सामानों पर भारत आयात कर नहीं लेता था। मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा विश्व व्यापार संगठन की दो समझौते GATT(जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ एंड ट्रेड) और GATS( जनरल एग्रीमेंट आन ट्रेड इन सर्विसेस) के लिए लागू होता है।
भारत पाकिस्तान के मोस्ट फेवर्ड नेशन के दर्जे को वापिस ले सकता है। इसमें उसको कोई भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि अगर आप इस समझोते के आर्टिकल 21(b)(iii) को पढ़िए,जो की सुरक्षा अपवाद से संबंधित है तो उसने साफ-साफ लिखा है कि कोई भी देश अपने देश की सुरक्षा के लिए युद्ध या युद्ध जैसे हालात या इमरजेंसी के समय यह मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापिस ले सकता है।इससे बचने के लिए सामने वाला देश कुछ भी नहीं कर सकता है। सामने वाला देश यदि इसका विरोध करते हुए डब्ल्यूटीओ की डिस्प्यूट सेटलमेंट बॉडी में जाता भी है तो भी वहां उसकी सुनवाई नहीं होगी क्योंकि यह तो नियम के तहत किया गया है।
मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लिए जाने को लेकर कुछ लोग यह भी गाना गाते हैं कि इससे केवल सांकेतिक फर्क पड़ेगा,होगा कुछ नहीं। वे कहते हैं कि दक्षिण एशियाई देशों में भारत के प्रति गुडविल कम होगा। भारत का पाकिस्तान के साथ कुल 2.6 बिलियन डॉलर का व्यापार है जिसमें 2.2 बिलियन डॉलर का तो भारत ही निर्यात करता है।अतः वे लोग कहते हैं कि यदि हमने मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा परंतु यदि पाकिस्तान ने भारत से आने वाले माल पर प्रतिबंध लगा दिया तो भारत के निर्यात पर काफी फर्क पड़ जाएगा।अतः उनका कहना है कि मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस न लिया जाए।
परंतु मेरा कहना है कि थोड़ा नुकसान ही सही,लेकिन हमने पाकिस्तान को जो मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया है उसे वापिस ले लेना चाहिए।

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