1853- भारत में पहली रेल सेवा मुंबई से ठाणे (21mile) के बीच शुरू हुई। यह लॉर्ड डलहौजी के प्रयासों से सफल हुआ। डलहौजी ने इस काम के लिए चीफ इंजीनियर जॉर्ज क्लर्क को नियुक्त किया था।
डलहौजी ने रेलवे लाइन बिछाने के लिए बाहर से निवेशकों को भी आमंत्रित किया था। जितना भी पैसा वे निवेश किए थे, डलहौजी उनको उस पर 5% ब्याज भी देता था और ठेका पूरा हो जाने के बाद सरकार उसे खरीद लेती थी।
1854- कोयले को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए कोलकाता से रानीगंज तक रेल सेवा प्रारंभ की गई
1856- मद्रास से एराकोरम तक रेल सेवा प्रारंभ की गई।
Rail Track- Types of gauge
1)Broad gauge-1676mm
2)Meter gauge-1000mm
3)Narrow gauge-762mm,610mm (lift gauge)
आजादी के बाद योजना बनी थी कि कुछ चिन्हित मार्गो पर मीटर गेज और Narrow गेज को आपस में मिला दिया जाए। जिस प्रोजेक्ट के तहत यह काम किया गया उसका नाम प्रोजेक्ट यूनीगेज था।
Rail Budget -
1924 से पहले रेल बजट और जनरल बजट दोनों एक ही में पेश किया जाता था। परंतु 1921 में Acworth आयोग का गठन किया गया जिसने यह सुझाव दिया कि रेल बजट को जनरल बजट से अलग कर दिया जाना चाहिए।1924 में रेल बजट को जनरल बजट से अलग कर दिया गया। हलाकि हमारे संविधान में ऐसा कहीं उल्लेख नहीं है परंतु संसद के नियमों में है कि हाँ, ऐसा हो सकता है।
रेल बजट पर भारत में Bibek Debroy आयोग का गठन किया गया। Bibek Debroy नीति आयोग के सदस्य हैं। इन्होंने जून 2016 में सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में यह कहा कि रेल बजट को अलग से पेश करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
Rail Budget 2016 में चार आयाम तय किए गए।
1. नव अर्जन
2. नव मानक
3. नव संरचना
(as such इसमें क्या-क्या है यह upsc के लिए इतना जरुरी नहीं है)
हाई स्पीड ट्रेन और बुलेट ट्रेन-
हाईस्पीड ट्रेन की गति 200 से 250 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी तथा बुलेट ट्रेन की गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा या उसके ऊपर रहेगी।
अब यह ट्रेनें चलेंगी तो कुछ लोग को मजा नहीं आएगा तो उनकी आलोचना क्या है-
1) इससे ध्वनि प्रदूषण ज्यादे होगा
2) चूकि इसके लिए कॉरिडोर बनाने पड़ेंगे तो भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता पड़ेगी। पेड़ पौधों को काटना पड़ेगा जिससे पर्यावरण को नुकसान होगा।
3) लोगों का विस्थापन हो जाएगा।
4) चूकि ये ट्रेनें विकसित राज्यों में ही चलेगी जैसे पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी तो उनका तो ठीक है परंतु तो गरीब राज्य है जैसे उड़ीसा इत्यादि वहां के साथ अन्याय होगा। इससे क्षेत्रीय असंतुलन उत्पन्न होगा।
इसके पक्ष में भी कुछ लोग बोलेंगे वह भी देख लेते हैं
1) बुलेट ट्रेन परियोजना जापान, चीन और यूरोप जैसे देशों में सफल रही है अतः भारत में भी सफल रहेगी
2) इस में सफर करना काफी आरामदायक रहेगा, समय की बचत भी होगी
3) यह देश में रोजगार भी उत्पन्न करेगी
इतना पैसा कहां से आएगा इस ट्रेन को चलाने के लिए?
सरकार के मुताबिक इस परियोजना में लगभग 100000 करोड रुपए का खर्च आएगा। जापान ने आश्वासन दिया है कि कुल खर्च का 80% हम भारत को़ लोन के रूप में देंगे। शुरुआत के 15 साल तक भारत को एक भी पैसा जापान को देने की आवश्यकता नहीं है लेकिन उसके बाद 50 साल के अंदर सारा पैसा ब्याज सहित लौटा देना है। जापान ने एक शर्त यह भी रखी है कि इस परियोजना के लिए जो भी टेक्नोलॉजी, मटेरियल आप इस्तेमाल में लाएंगे उसका कुछ प्रतिशत भारत को जापान से ही लेना पड़ेगा।
भारत की पहली बुलेट ट्रेन द्वारा तय की गई दूरी 508 किलोमीटर होगी। इस बुलेट ट्रेन में 750 से 1200 सीटें होंगी। प्रतिदिन 35 ट्रिप करेगी। सरकार की योजना है कि 2053 तक ट्रिपो की संख्या बढ़ाकर 105 कर देंगे।
IIM अहमदाबाद के अनुसार यदि सरकार बुलेट ट्रेन का किराया ₹1500 per टिकट रखती है और 100 ट्रिप प्रतिदिन करती है तब जाकर जापान को उस का पैसा वापस करवाएगी। अतः यह परियोजना भारत में सफल नहीं होने वाली है।
2016 बजट में प्रभु ने कुछ नई ट्रेनें चलाने की घोषणा की।
1.) अंत्योदय- यह पूरी तरह से अनारक्षित सुपर फास्ट ट्रेन होगी
2.) दीन दयालु कोच- यह अनारक्षित कोच होंगे इसमें पोर्टेबल वाटर और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट होंगे।
3.) हमसफर- यह पूरी तरीके से तृतीए एसी ट्रेन होगी।(with optional meal)
4.) तेजस -इसकी रफ्तार 130 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी। इसमें wifi खाना मनोरंजन सारी सुविधा उपलब्ध होंगी।
5.)UDAY-utkrist double darker yatri ( घुमा फिरा के कुछ फैंसी नाम रखना ही है सरकार को)
यह पूरी तरीके से वातानुकूलित डबल डेकर ट्रेन होगी जो कि रात्रि के समय व्यस्त रूटों पर चलाई जाएगी।
(UPSC-CAPF 2015 में इससे प्रश्न निकले थें)
2016 के बजट में वित्त और जवाबदेही से संबंधित कुछ नए प्रावधान लाए गए हैं-
1) ट्रेन में सारी सुविधाओं के लिए एक ही व्यक्ति जवाबदेह होगा। स्टेशन मास्टर के नीचे स्टेशन डायरेक्टर की नियुक्ति होगी जो की ट्रेन में सारी सुविधाओं के लिए जवाबदेह होंगे
2) अगर किसी को कोई परेशानी हो तो आईवीआरएस सिस्टम, मोबाइल एप्प इत्यादि के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
3) भौतिक रूप से प्रगति को देखने के लिए उपग्रह तकनीकी की मदद ली जाएगी
वित प्रबंधन
1) बजट में प्रावधान है कि अब 300 करोड़ से ऊपर वाले ठेके Epc(engineering, procurement, construction) के जरिए लिए जाएंगे
2) नए कॉरीडोर जो बन रहे हैं वह पीपीपी के जरिए बनाए जाएंगे
3) कुछ पैसा CSR( कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के नाम पर भी लाएंगे। कुछ एनजीओ से भी ले आएंगे।
रेलबजट बजट कर्मचारी सुरक्षा-
1) गैंगमैन की सुरक्षा के लिए rakshak नाम का उपकरण उपयोग में लाया जाएगा।
2) अब कुली को कुली नहीं कहा जाएगा। उन्हें सहायक के नाम से पुकारा जाएगा।
3) लोको पायलट को एसी और टॉयलेट की सुविधा भी उपलब्ध होगी
4) 2020तक कोई भी मानव रहित क्रासिंग नहीं होगा।
ट्रेनों में बायो वैक्यूम टॉयलेट बनाए जाएंगे। इस टॉयलेट में मात्र 500 मिलीलीटर पानी उपयोग में आता है। वेस्ट टैंक में आवायुवीय जीवाणु psy-chro-rhile प्रयोग में लाया जाता है जो वेस्ट को पानी और गैस में परिवर्तित कर देता है।
बजट में यह भी कहा गया है कि रेलवे में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए srestha और sutra की नियुक्ति की जाएगी जोकि ट्रेनों में क्या-क्या सुविधाएं दी जानी चाहिए, उस पर अनुसंधान करेंगे।
बजट में इनको रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए कौशल देने के लिए दो योजनाएं भी प्रस्तावित की गई है।
1) CT Venugopal chair- दरअसल वेणुगोपाल भारतीय रेलवे की पहले अकाउंट सर्विस ऑफिसर थे। इन्हीं के नाम पर यह योजना शुरू की गई है।
2) कल्पना चावला चेयर- इस योजना के तहत् रेलवे को उपग्रह से कैसे कनेक्ट करना है, इस पर अनुसंधान होगा। उपग्रह के जरिए हम रेलवे की भौतिक प्रगति को देख सकते।
डलहौजी ने रेलवे लाइन बिछाने के लिए बाहर से निवेशकों को भी आमंत्रित किया था। जितना भी पैसा वे निवेश किए थे, डलहौजी उनको उस पर 5% ब्याज भी देता था और ठेका पूरा हो जाने के बाद सरकार उसे खरीद लेती थी।
1854- कोयले को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए कोलकाता से रानीगंज तक रेल सेवा प्रारंभ की गई
1856- मद्रास से एराकोरम तक रेल सेवा प्रारंभ की गई।
Rail Track- Types of gauge
1)Broad gauge-1676mm
2)Meter gauge-1000mm
3)Narrow gauge-762mm,610mm (lift gauge)
आजादी के बाद योजना बनी थी कि कुछ चिन्हित मार्गो पर मीटर गेज और Narrow गेज को आपस में मिला दिया जाए। जिस प्रोजेक्ट के तहत यह काम किया गया उसका नाम प्रोजेक्ट यूनीगेज था।
Rail Budget -
1924 से पहले रेल बजट और जनरल बजट दोनों एक ही में पेश किया जाता था। परंतु 1921 में Acworth आयोग का गठन किया गया जिसने यह सुझाव दिया कि रेल बजट को जनरल बजट से अलग कर दिया जाना चाहिए।1924 में रेल बजट को जनरल बजट से अलग कर दिया गया। हलाकि हमारे संविधान में ऐसा कहीं उल्लेख नहीं है परंतु संसद के नियमों में है कि हाँ, ऐसा हो सकता है।
रेल बजट पर भारत में Bibek Debroy आयोग का गठन किया गया। Bibek Debroy नीति आयोग के सदस्य हैं। इन्होंने जून 2016 में सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में यह कहा कि रेल बजट को अलग से पेश करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
Rail Budget 2016 में चार आयाम तय किए गए।
1. नव अर्जन
2. नव मानक
3. नव संरचना
(as such इसमें क्या-क्या है यह upsc के लिए इतना जरुरी नहीं है)
हाई स्पीड ट्रेन और बुलेट ट्रेन-
हाईस्पीड ट्रेन की गति 200 से 250 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी तथा बुलेट ट्रेन की गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा या उसके ऊपर रहेगी।
अब यह ट्रेनें चलेंगी तो कुछ लोग को मजा नहीं आएगा तो उनकी आलोचना क्या है-
1) इससे ध्वनि प्रदूषण ज्यादे होगा
2) चूकि इसके लिए कॉरिडोर बनाने पड़ेंगे तो भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता पड़ेगी। पेड़ पौधों को काटना पड़ेगा जिससे पर्यावरण को नुकसान होगा।
3) लोगों का विस्थापन हो जाएगा।
4) चूकि ये ट्रेनें विकसित राज्यों में ही चलेगी जैसे पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी तो उनका तो ठीक है परंतु तो गरीब राज्य है जैसे उड़ीसा इत्यादि वहां के साथ अन्याय होगा। इससे क्षेत्रीय असंतुलन उत्पन्न होगा।
इसके पक्ष में भी कुछ लोग बोलेंगे वह भी देख लेते हैं
1) बुलेट ट्रेन परियोजना जापान, चीन और यूरोप जैसे देशों में सफल रही है अतः भारत में भी सफल रहेगी
2) इस में सफर करना काफी आरामदायक रहेगा, समय की बचत भी होगी
3) यह देश में रोजगार भी उत्पन्न करेगी
इतना पैसा कहां से आएगा इस ट्रेन को चलाने के लिए?
सरकार के मुताबिक इस परियोजना में लगभग 100000 करोड रुपए का खर्च आएगा। जापान ने आश्वासन दिया है कि कुल खर्च का 80% हम भारत को़ लोन के रूप में देंगे। शुरुआत के 15 साल तक भारत को एक भी पैसा जापान को देने की आवश्यकता नहीं है लेकिन उसके बाद 50 साल के अंदर सारा पैसा ब्याज सहित लौटा देना है। जापान ने एक शर्त यह भी रखी है कि इस परियोजना के लिए जो भी टेक्नोलॉजी, मटेरियल आप इस्तेमाल में लाएंगे उसका कुछ प्रतिशत भारत को जापान से ही लेना पड़ेगा।
भारत की पहली बुलेट ट्रेन द्वारा तय की गई दूरी 508 किलोमीटर होगी। इस बुलेट ट्रेन में 750 से 1200 सीटें होंगी। प्रतिदिन 35 ट्रिप करेगी। सरकार की योजना है कि 2053 तक ट्रिपो की संख्या बढ़ाकर 105 कर देंगे।
IIM अहमदाबाद के अनुसार यदि सरकार बुलेट ट्रेन का किराया ₹1500 per टिकट रखती है और 100 ट्रिप प्रतिदिन करती है तब जाकर जापान को उस का पैसा वापस करवाएगी। अतः यह परियोजना भारत में सफल नहीं होने वाली है।
2016 बजट में प्रभु ने कुछ नई ट्रेनें चलाने की घोषणा की।
1.) अंत्योदय- यह पूरी तरह से अनारक्षित सुपर फास्ट ट्रेन होगी
2.) दीन दयालु कोच- यह अनारक्षित कोच होंगे इसमें पोर्टेबल वाटर और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट होंगे।
3.) हमसफर- यह पूरी तरीके से तृतीए एसी ट्रेन होगी।(with optional meal)
4.) तेजस -इसकी रफ्तार 130 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी। इसमें wifi खाना मनोरंजन सारी सुविधा उपलब्ध होंगी।
5.)UDAY-utkrist double darker yatri ( घुमा फिरा के कुछ फैंसी नाम रखना ही है सरकार को)
यह पूरी तरीके से वातानुकूलित डबल डेकर ट्रेन होगी जो कि रात्रि के समय व्यस्त रूटों पर चलाई जाएगी।
(UPSC-CAPF 2015 में इससे प्रश्न निकले थें)
2016 के बजट में वित्त और जवाबदेही से संबंधित कुछ नए प्रावधान लाए गए हैं-
1) ट्रेन में सारी सुविधाओं के लिए एक ही व्यक्ति जवाबदेह होगा। स्टेशन मास्टर के नीचे स्टेशन डायरेक्टर की नियुक्ति होगी जो की ट्रेन में सारी सुविधाओं के लिए जवाबदेह होंगे
2) अगर किसी को कोई परेशानी हो तो आईवीआरएस सिस्टम, मोबाइल एप्प इत्यादि के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
3) भौतिक रूप से प्रगति को देखने के लिए उपग्रह तकनीकी की मदद ली जाएगी
वित प्रबंधन
1) बजट में प्रावधान है कि अब 300 करोड़ से ऊपर वाले ठेके Epc(engineering, procurement, construction) के जरिए लिए जाएंगे
2) नए कॉरीडोर जो बन रहे हैं वह पीपीपी के जरिए बनाए जाएंगे
3) कुछ पैसा CSR( कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के नाम पर भी लाएंगे। कुछ एनजीओ से भी ले आएंगे।
रेलबजट बजट कर्मचारी सुरक्षा-
1) गैंगमैन की सुरक्षा के लिए rakshak नाम का उपकरण उपयोग में लाया जाएगा।
2) अब कुली को कुली नहीं कहा जाएगा। उन्हें सहायक के नाम से पुकारा जाएगा।
3) लोको पायलट को एसी और टॉयलेट की सुविधा भी उपलब्ध होगी
4) 2020तक कोई भी मानव रहित क्रासिंग नहीं होगा।
ट्रेनों में बायो वैक्यूम टॉयलेट बनाए जाएंगे। इस टॉयलेट में मात्र 500 मिलीलीटर पानी उपयोग में आता है। वेस्ट टैंक में आवायुवीय जीवाणु psy-chro-rhile प्रयोग में लाया जाता है जो वेस्ट को पानी और गैस में परिवर्तित कर देता है।
बजट में यह भी कहा गया है कि रेलवे में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए srestha और sutra की नियुक्ति की जाएगी जोकि ट्रेनों में क्या-क्या सुविधाएं दी जानी चाहिए, उस पर अनुसंधान करेंगे।
बजट में इनको रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए कौशल देने के लिए दो योजनाएं भी प्रस्तावित की गई है।
1) CT Venugopal chair- दरअसल वेणुगोपाल भारतीय रेलवे की पहले अकाउंट सर्विस ऑफिसर थे। इन्हीं के नाम पर यह योजना शुरू की गई है।
2) कल्पना चावला चेयर- इस योजना के तहत् रेलवे को उपग्रह से कैसे कनेक्ट करना है, इस पर अनुसंधान होगा। उपग्रह के जरिए हम रेलवे की भौतिक प्रगति को देख सकते।
No comments:
Post a Comment