Tuesday, February 7, 2017

विश्व व्यापार संगठन

विश्व व्यापार संगठन(WTO):मुख्यालय- जेनेवा ,स्विजरलैंड
WTO 10वाँ सम्मेलन- नैरोबी ,केन्या (Dec,2015)

WTO के तीन भाग हैं-
1. मंत्रालय सम्मेलन(Ministerial Conference)
2. सामान्य परिषद(General Council)
3. सचिवालय(Secretariat)

डब्ल्यूटीओ में 164 सदस्य हैं ।दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान को 164 में सदस्य के रुप में शामिल किया गया। ये सदस्य मिलकर Director General (DG) को नियुक्त करते हैं ।ये आपस में व्यापार समझौते करते हैं ।प्रत्येक 2 वर्ष पर ये मिलते हैं ।9वाँ सम्मेलन बाली में हुआ था।

नैरोबी सम्मेलन में क्या-क्या हुआ?
1. नैरोबी सम्मेलन में विकसित देशों से कहा गया कि आप कृषि उत्पाद के निर्यात पर देने वाली सब्सिडी तुरंत खत्म कर दीजिए। इसे हम ऐसे समझ सकते हैं कि आज अमेरिका अपने किसानों को कृषि उत्पाद को निर्यात करने के लिए बहुत ज्यादा सब्सिडी देता है जिससे उनके किसान कृषि उत्पाद को निर्यात करने के लिए ज्यादा उत्पादन करते हैं ।इससे उनका माल तो सत्ता हो जाता है ।परंतु यह माल जिस देश में बिकने जाता है उस देश के घरेलू किसानों को नुकसान होता है क्योंकि लोग इनका सस्ता माल खरीद लेते हैं और अपना घरेलू नहीं खरीदते।

कनाडा, स्विजरलैंड, नार्वे को दूध और मीट पर दिए जाने वाली सब्सिडी को 2022 तक खत्म करना है।
विकासशील देशों को कृषि उत्पाद पर दिए जाने वाली सब्सिडी को 2018 तक खत्म करने के लिए कहा गया है और कृषि उत्पाद के परिवहन और मार्केटिंग पर दिए जाने वाली सब्सिडी को 2023 तक खत्म करने को कहा गया है।

गरीब देशों के लिए यह समय सीमा 2030 रखी गई है।

2. विकसित देशों को कपास के निर्यात पर दिए जाने वाली सब्सिडी को भी तुरंत खत्म कर देना है विकासशील देशों के लिए यह समय सीमा 1 जनवरी 2017 है ।गरीब देशों के लिए यह कहा गया है कि यदि वह कपास निर्यात करते हैं तुम पर कोई ड्यूटी, कोई कोटा नहीं लगेगा।

3. विशेष सुरक्षा प्रावधान- माना विकसित देश अपने किसानो को कृषि उत्पाद के निर्यात पर देने वाली सब्सिडी बंद भी कर देते है तो भी उनका अनाज सस्ता ही रहेगा ।उनका उत्पादन तब भी ज्यादा ही रहेगा क्योंकि उनके पास उच्च कोटि का रिसर्च एंड डेवलपमेंट है, आधुनिक मशीनें हैं।
अतः नैरोबी सम्मेलन में कुछ विशेष प्रावधान किए गए ताकि दूसरे देशों को नुकसान न हो। यह प्रावधान आयात की मात्रा और मूल्यों पर आधारित है परंतु अभी तक यह नहीं किया गया है इसे डब्ल्यूटीओ कमेटी तय करेगी।

अल्पविकसित देशों को शुल्क मुक्त कोटा मुक्त पहुंच देने का प्रावधान डब्ल्यूटीओ की 2005 में हांगकांग सम्मेलन में किया गया था ।भारत पहला देश है जिसने अल्पविकसित देशों को शुल्क मुक्त कोटा मुक्त पहुंच दिया। 48 में से 31 LDC को भारत ने यह पहुंच दिया।

4. डब्ल्यूटीओ के सिंगापुर 1996 सम्मेलन में सूचना प्रौद्योगिकी समझौता हुआ था।  इस समझौते में यह था कि जिन भी देशों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किया है वे देश 201 आईटी उत्पाद पर कोई टैरिफ नहीं लेंगे। अभी तक 82 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर कर दिया है।नैरोबी सम्मेलन में यह कहा गया है कि 2019 तक इस को हम पूरी तरीके से क्रियान्वित करेंगे। इसमें एक चीज यह भी समझने लायक है कि यदि 82 देशों में अमेरिका ने साइन किया है और भारत ने नहीं किया फिर भी चुकि अमेरिका ने साइन किया है इसलिए भारत से जाने वाले आईटी उत्पाद पर अमेरिका कोई टैरिफ नहीं लेगा।

5. नैरोबी समिट में यह कहा गया कि यदि कोई सदस्य पेटेंट का एवरग्रीनिंग करता है तो उस पर कठोर कार्रवाई होगी।इसे हम ऐसे समझ सकते हैं कि किसी दवा कंपनी ने कोई दवाई बनाई और उसका पेटेंट करवा लिया तो 20 साल तक उस दवा को और कोई नहीं बना सकता और यदि कोई बनाता भी है तो रॉयल्टी के रूप में उस कंपनी को पैसा देना पड़ेगा। परंतु आजकल होता क्या है कि जब 20 साल पूरा होने वाला होता है तो दवा कंपनियां उस दवाई में थोड़ा बहुत छोटा सा बदलाव करके दूसरा नाम देकर अगले 20 साल के लिए फिर पेटेंट करा लेती है ।इससे उस दवा की जेनरिक दवाई नहीं बन पाती और लोगों को सस्ते में दवाई नहीं मिल पाती।इस एवरग्रीनिंग को नैरोबी समिट में प्रतिबंधित कर दिया है।

No comments:

Post a Comment