7वाँ वेतन आयोग-
भारतवर्ष में वेतन आयोग बनने की परंपरा सन 1946-47 से प्रारंभ हुई ।पहले वेतन आयोग के चेयरमैन श्री Srinivasa Varadacharian थे। 2006 में छठा वेतन आयोग जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में बना ।7वाँ वेतन आयोग जस्टिस ए के माथुर की अध्यक्षता में बना।
वेतन आयोग की रिपोर्ट को वित्त मंत्रालय का व्यय विभाग लागू करता है ।सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू होगा। इससे वेतन में लगभग पहले से 24% की बढ़ोतरी देखी जाएगी। न्यूनतम वेतन 18000 प्रतिमाह(Dr. Aykrod formula workrd in FAO-UN before independence) तथा अधिकतम वेतन 2.25 lakhs(Cabinet Secretary-2.5 lakhs) होगा ।एनुअल इंक्रीमेंट 3% रहेगा ।
सातवें वेतन आयोग से राष्ट्रीय खजाने पर कुल 1.02 lakh crores का बोझ आएगा जोकि जीडीपी का .65% है।
हलाकि सातवें वेतन आयोग में आरबीआई के गवर्नर और मेंबर शामिल नहीं है। अभी गवर्नर को 1.98 लाख रुपए प्रतिमाह का वेतन मिलता है ।जस्टिस माथुर ने सुझाव दिया कि गवर्नर का वेतन 4.5 लाख रुपए प्रतिमाह तथा सदस्यों का 400000 रूपए प्रतिमाह होना चाहिए।
7वें वेतन आयोग के लाभार्थी:
1. वैधानिक नियामक संस्थाएं(excluding RBI)
2. केंद्र सरकार के कर्मचारी( इंडस्ट्रियल ,नॉन इंडस्ट्रियल)
3. अखिल भारतीय सेवाएं
4. संघ राज्यक्षेत्र ,सुप्रीम कोर्ट ,ऑडिट एकाउंट्स के कार्मिक
5. पेंशनर(52 lakhs)
HRA( हाउस रेंट अलाउंस)- यह बेसिक पे का 8%, 16% या 24% हो सकता है।(depending on UR city)
सातवां वेतन आयोग लागू करने से महंगाई में कोई खास वृद्धि नहीं होगी ।हां यह जरूर है किHRA से CPI( उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) में .3% की बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
सातवें वेतन आयोग से महंगाई के न बढ़ने के कारण-
1. केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को हाउस बिल्डिंग अलाउंस(HBA) मिलता है ।पहले यहां 7.5 लाख रुपया था। लेकिन माथुर ने इसे बढ़ाकर 2500000 रूपए कर दिया ।पहले केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को मोटर कार ,मोटर साइकिल इत्यादि खरीदने के लिए भी पैसे देती थी और व्यक्ति उसका इंटरेस्ट जमा करता रहता था लेकिन अब केवल मकान और कंप्यूटर खरीदने के लिए ही केंद्र सरकार पैसे देगी और किसी चीज पर पैसे नहीं मिलेंगे ।इससे जनता के हाथ में पैसे कम आएँगे और महंगाई नहीं बढ़ेगी।
2. जहां तक सप्लाई की बात है ।आने वाले दिनों में देश में सप्लाई भी बढ़ेगी क्योंकि ला नीना इफेक्ट आने वाला है और मानसून अच्छा रहेगा ।साथी साथ सरकार के मेक इन इंडिया, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, स्टार्ट अप इंडिया इत्यादि कार्यक्रम से भी सप्लाई साइट को बढ़ावा मिलेगा ।अतः डिमांड और सप्लाई में संतुलन बना रहेगा और महंगाई नहीं बढ़ेगी।
3. यह बात सही है कि 24% का वेतन में इजाफा होगा परंतु जनता टैक्स बचाने के लिए वित्तीय उत्पाद जरूर खरीदेगी । 52 प्रकार के अलाउंसेज खत्म कर दिए गए हैं ।ओवरटाइम को भी खत्म कर दिया गया है ।कार्मिकों के इंस्योरेंस का प्रीमियम बढ़ा दिया गया है ।इंटरेस्ट फ्री एडवांस को भी खत्म कर दिया गया है ।अतः जनता के हाथ में पैसा कम रहेगा और महंगाई नहीं बढ़ेगी।
जहां तक प्राइवेट सेक्टर की बात है ऐसा नहीं है कि सतवां वेतन लगने से उनके भी वेतन में इजाफा होगा या प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां बढ़ेंगी क्योंकि देश में प्राइवेट सेक्टर में भी नौकरियों में भारी कमी है।
सिविल सर्विसेज के लिए सातवें वेतन आयोग के कुछ सुझाव:
1.अभी तक सिविल सर्विसेस मे आई ए एस को अन्य सभी सिविल सेवा के अधिकारियों से दो साल तेज पदोन्नति मिलती थी ।माथुर के अनुसार सिविल सर्विसेज में जिसकी भी सेवा 17 साल पूरी हो चुकी है उसको केंद्र के पद देने में एक जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए।
2.भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों को पदोन्नत के दौरान 3 % अतिरिक्त इंक्रीमेंट दिया जाता है ।माथुर के अनुसार IPS और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को भी अब से यह सुविधा मिलनी चाहिए।
यूनिफॉर्मड सर्विसेस के लिए सातवें वेतन आयोग के कुछ सुझाव:
1.यूनिफॉर्मड सर्विसेस के ऑफिसर अपनी सेवा के 7 से 10 वर्ष के भीतर वीआरएस ले सकते हैं ।उन्हें अच्छा पैकेज दिया जाएगा।
2.डिफेंस कार्मिकों को रिटायरमेंट के बाद सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेस में भर्ती किया जा सकता है।
3.सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेस के जवान को भी शहीद का दर्जा दिया जाए।
4.सियाचिन में तैनात हमारे जवाब जवानों का रिस्क हार्डसिप अलाउंसेज बढ़ाया जाए।
5.डिफेंस कार्मिकों के सैलरी में दोगुना बढ़ोतरी की जाए।
6.वन रैंक वन पेंशन को सिविल और डिफेंस दोनों सेक्टर में लागू किया जाए।
भारतवर्ष में वेतन आयोग बनने की परंपरा सन 1946-47 से प्रारंभ हुई ।पहले वेतन आयोग के चेयरमैन श्री Srinivasa Varadacharian थे। 2006 में छठा वेतन आयोग जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में बना ।7वाँ वेतन आयोग जस्टिस ए के माथुर की अध्यक्षता में बना।
वेतन आयोग की रिपोर्ट को वित्त मंत्रालय का व्यय विभाग लागू करता है ।सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू होगा। इससे वेतन में लगभग पहले से 24% की बढ़ोतरी देखी जाएगी। न्यूनतम वेतन 18000 प्रतिमाह(Dr. Aykrod formula workrd in FAO-UN before independence) तथा अधिकतम वेतन 2.25 lakhs(Cabinet Secretary-2.5 lakhs) होगा ।एनुअल इंक्रीमेंट 3% रहेगा ।
सातवें वेतन आयोग से राष्ट्रीय खजाने पर कुल 1.02 lakh crores का बोझ आएगा जोकि जीडीपी का .65% है।
हलाकि सातवें वेतन आयोग में आरबीआई के गवर्नर और मेंबर शामिल नहीं है। अभी गवर्नर को 1.98 लाख रुपए प्रतिमाह का वेतन मिलता है ।जस्टिस माथुर ने सुझाव दिया कि गवर्नर का वेतन 4.5 लाख रुपए प्रतिमाह तथा सदस्यों का 400000 रूपए प्रतिमाह होना चाहिए।
7वें वेतन आयोग के लाभार्थी:
1. वैधानिक नियामक संस्थाएं(excluding RBI)
2. केंद्र सरकार के कर्मचारी( इंडस्ट्रियल ,नॉन इंडस्ट्रियल)
3. अखिल भारतीय सेवाएं
4. संघ राज्यक्षेत्र ,सुप्रीम कोर्ट ,ऑडिट एकाउंट्स के कार्मिक
5. पेंशनर(52 lakhs)
HRA( हाउस रेंट अलाउंस)- यह बेसिक पे का 8%, 16% या 24% हो सकता है।(depending on UR city)
सातवां वेतन आयोग लागू करने से महंगाई में कोई खास वृद्धि नहीं होगी ।हां यह जरूर है किHRA से CPI( उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) में .3% की बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
सातवें वेतन आयोग से महंगाई के न बढ़ने के कारण-
1. केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को हाउस बिल्डिंग अलाउंस(HBA) मिलता है ।पहले यहां 7.5 लाख रुपया था। लेकिन माथुर ने इसे बढ़ाकर 2500000 रूपए कर दिया ।पहले केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को मोटर कार ,मोटर साइकिल इत्यादि खरीदने के लिए भी पैसे देती थी और व्यक्ति उसका इंटरेस्ट जमा करता रहता था लेकिन अब केवल मकान और कंप्यूटर खरीदने के लिए ही केंद्र सरकार पैसे देगी और किसी चीज पर पैसे नहीं मिलेंगे ।इससे जनता के हाथ में पैसे कम आएँगे और महंगाई नहीं बढ़ेगी।
2. जहां तक सप्लाई की बात है ।आने वाले दिनों में देश में सप्लाई भी बढ़ेगी क्योंकि ला नीना इफेक्ट आने वाला है और मानसून अच्छा रहेगा ।साथी साथ सरकार के मेक इन इंडिया, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, स्टार्ट अप इंडिया इत्यादि कार्यक्रम से भी सप्लाई साइट को बढ़ावा मिलेगा ।अतः डिमांड और सप्लाई में संतुलन बना रहेगा और महंगाई नहीं बढ़ेगी।
3. यह बात सही है कि 24% का वेतन में इजाफा होगा परंतु जनता टैक्स बचाने के लिए वित्तीय उत्पाद जरूर खरीदेगी । 52 प्रकार के अलाउंसेज खत्म कर दिए गए हैं ।ओवरटाइम को भी खत्म कर दिया गया है ।कार्मिकों के इंस्योरेंस का प्रीमियम बढ़ा दिया गया है ।इंटरेस्ट फ्री एडवांस को भी खत्म कर दिया गया है ।अतः जनता के हाथ में पैसा कम रहेगा और महंगाई नहीं बढ़ेगी।
जहां तक प्राइवेट सेक्टर की बात है ऐसा नहीं है कि सतवां वेतन लगने से उनके भी वेतन में इजाफा होगा या प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां बढ़ेंगी क्योंकि देश में प्राइवेट सेक्टर में भी नौकरियों में भारी कमी है।
सिविल सर्विसेज के लिए सातवें वेतन आयोग के कुछ सुझाव:
1.अभी तक सिविल सर्विसेस मे आई ए एस को अन्य सभी सिविल सेवा के अधिकारियों से दो साल तेज पदोन्नति मिलती थी ।माथुर के अनुसार सिविल सर्विसेज में जिसकी भी सेवा 17 साल पूरी हो चुकी है उसको केंद्र के पद देने में एक जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए।
2.भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों को पदोन्नत के दौरान 3 % अतिरिक्त इंक्रीमेंट दिया जाता है ।माथुर के अनुसार IPS और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को भी अब से यह सुविधा मिलनी चाहिए।
यूनिफॉर्मड सर्विसेस के लिए सातवें वेतन आयोग के कुछ सुझाव:
1.यूनिफॉर्मड सर्विसेस के ऑफिसर अपनी सेवा के 7 से 10 वर्ष के भीतर वीआरएस ले सकते हैं ।उन्हें अच्छा पैकेज दिया जाएगा।
2.डिफेंस कार्मिकों को रिटायरमेंट के बाद सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेस में भर्ती किया जा सकता है।
3.सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेस के जवान को भी शहीद का दर्जा दिया जाए।
4.सियाचिन में तैनात हमारे जवाब जवानों का रिस्क हार्डसिप अलाउंसेज बढ़ाया जाए।
5.डिफेंस कार्मिकों के सैलरी में दोगुना बढ़ोतरी की जाए।
6.वन रैंक वन पेंशन को सिविल और डिफेंस दोनों सेक्टर में लागू किया जाए।
No comments:
Post a Comment